गुरुवार, 10 अप्रैल 2014

अपनी वेबसाइट पर कांग्रेसियों ने बाजपेई जी का चित्र डाला है और उनके बहाने से मोदी की निंदा की है। पहली बात तो यह कि कांग्रेसियों के पास अपनी पार्टी का कोई ऐसा नेता नहीं है जिसका चित्र वे अपनी वेबसाइट पर डाल सकते। उन्हें तो सोनिया गांधी के चेहरे पे विश्वास नहीं है ,राहुल की बातों से उनका अपना कोई चेहरा उभरता ही नहीं कि वे क्या हैं

अपनी वेबसाइट पर कांग्रेसियों ने बाजपेई जी का चित्र डाला है और उनके बहाने से मोदी की निंदा की है।

पहली

बात तो यह कि कांग्रेसियों के पास अपनी पार्टी का कोई ऐसा नेता नहीं है जिसका चित्र वे अपनी वेबसाइट पर

डाल सकते। उन्हें तो सोनिया गांधी के चेहरे पे विश्वास नहीं है ,राहुल की बातों से उनका अपना कोई चेहरा

उभरता ही नहीं कि वे क्या हैं। जिनको ये भी समझ न हो कि वह बोल क्या रहे हैं वैसा चेहरा कांग्रेस के

किस  काम का। हम एक चेहरा कांग्रेस के पास ऐसा है जिसे वे वेबसाइट पर डाल सकते थे। वो चेहरा है वाड्रा

का। पर कांग्रेस को खौफ ये है कि कहीं सारा खेल ही न बिगड़ जाए। हाँ कांग्रेस का एक चेहरा उन्होंने बचाके

रखा है जिसे वे अपनी हार की शोक सभा में ज़रूर दिखाएँगे। वो चेहरा है कांग्रेस के लाचार प्रधानमन्त्री

मनमोहन सिंह जी का। कांग्रेस को विश्वास रखना चाहिए कि वो स्थिति ज़रूर आएगी जब वो प्रधानमंत्री

मनमोहन सिंह जी का चेहरा अपनी वेबसाइट पर डालेंगे। जिस बाजपेई के प्रधानमन्त्री बनने पर कांग्रेसियों ने

इस घटना को दुर्भाग्य पूर्ण कहा था आज उनकी स्थिति ऐसी हो गई है कि कुछ वोट पा जाने की उम्मीद में

अपनी वेबसाइट पर उन्हीं बाजपाई का चेहरा दिखा रहे हैं। कहीं ये दिग्विजय का षड़यंत्र  तो नहीं है ?

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