रविवार, 7 सितंबर 2014

न्यूयॉर्क शहर जैसा मैंने देखा



न्यूयॉर्क शहर जैसा मैंने देखा -

यहां न्यूयॉर्क ही नहीं तमाम किस्म के मेले ठेलों में पुलिस का रुख जनता के प्रति दोस्ताना होता है। खासकर मेलों में पुलिस की बुलेट प्रूफ गाड़ी बालकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र बनती है। बच्चों को इसे अंदर से पूरा देखने की आज़ादी होती है।

कैण्टन समिट में हर बरस मेला लगता है यहां पुलिस नौनिहालों को कैन्टन पुलिस के लोगो वाली गेंदें बांटती है। पुलिस की मौजूदगी जनता में एक नया उत्साह भर्ती है खौफ या उत्सुकता नहीं। आप पुलिस अधिकारियों के साथ अपना फोटो खींचवा सकते हैं।

यहां न्यूयॉर्क में भी आप घोड़े के संग तैनात एक पुलिस अधिकारी को देख सकते हैं।

लॉसवेगस में मैंने देखा वीडियो कैमरा दल साथ  लिए पुलिस के बड़े अफसरान नगर की निगरानी रखते हैं। अभद्र व्यवहार का ऐसे में सवाल ही कहाँ पैदा होता है।

भोगावती कहलाता है लॉसवेगास अमरीका  का फिर भी यहां अपराध की दर राष्ट्रीय औसत के बरक्स सबसे कम है  .

न्यूयॉर्क तो अमरीका की आर्थिक राजधानी कहलाता है। संलग्न चित्र में ९/११ में ध्वस्त टावर के स्थान पर नया बना टावर देखा जा सकता है।

यहां टाइम्स स्क्वायर का इलाका आपके संग फौरी  संवाद स्थापित करता है एक परीलोक यह इलाका बुनता है एक ही पैदल पारपथ पर आपको गन्धर्व लोक ,यक्षलोक और दैत्य  का भेस भरे लोग मिल जाएंगे। कार्टून कैरेक्टर्स  मिल जाएंगे। स्पाइडर मैंन से लेकर बैटमैन ,ट्रांसफॉर्मर आदि के अलावा तरह तरह के मुखौटे लगाके लोग आपके संग  मनोविनोद को तैयार रहते हैं। ये ही इनकी आजीविका है।

मैनकाएं आपका भरपूर मनोरंजन करतीं हैं सड़क को सौंदर्य प्रदान करतीं हैं किसी किस्म की कोई हलकी हरकत करते मैंने किसी को भी यहां नहीं देखा।

कइयों को निरावरण (बगैर पैरहन के )वक्षस्थल को सिर्फ पेंट से आच्छादित किए देखा। तो किसी को अंत :वस्त्र क्या पेट की ज़रूरत के बिना भी देखा। सड़क अपने निरपेक्ष ,निस्पृह  भाव से चलती रहती है।किसी को कोई उत्सुकता नहीं बस एक मौज़ मस्ती का आलम बुनता है यह टाइम्स स्क्वायर।  भारत के नगरों में ऐसे करेक्टर एक हंगामा खड़ा कर दें। पुलिस के पसीने छूट  जाएँ।यहां पुलिस इत्मीनान के साथ आपके बीच रहती है। आप इन तमाम अधिकारियों पर भरोसा कर सकते हैं। यह पीपुल्स फ्रेंडली पुलिस है।  आप की अपनी पुलिस है।


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