शनिवार, 20 जून 2015

गुलामवंशी कांग्रेस और अराजकतावादी ' आप पार्टी 'की नैतिकता

गुलामवंशी कांग्रेस और अराजकतावादी ' आप पार्टी 'की नैतिकता

बेरोज़गार बधुआ मजदूरों को 'आप टोपी ' पहनाकर स्वामीअसत्यानन्द केजरीवाल सुषमा जी के  घर के गिर्द चक्कर लगवा रहे हैं। इन बधुवा मजदूरों को 'आप ' से ज्यादा पैसा देकर कोई भी केजरीवाल के खिलाफ प्रदर्शन करवा सकता है। इनका 'आप' से कोई लेनादेना नहीं हैं । सवाल नैतिकता का है।

क्या ज़नाब असत्यानन्द केजरी अपनी किसी मोतरमा की संकट में सहायता नहीं करेंगे। मिसेज़ ललित मोदी ने  कोई राष्ट्रीय अपराध गुलामवंशी कांग्रेस की तरह नहीं किया है जिसने पुरलिया में बम गिराने वालों को भागने में मदद की थी। मामा क्वात्रोची को ससम्मान भागने  में  मदद की थी।

उठना बैठना और सम्बन्ध व्यक्ति के किसी से भी हो सकते हैं। मानवीय आधार पर कोई भी किसी की मदद कर सकता है। करनी चाहिए।सुषमा जी ने एक नेक काम किया है विदेश मंत्री के बतौर। संवेदन शून्य गुलामवंशी पार्टी  कांग्रेस सिर्फ स्केम करने में माहिर है।   

इसी कांग्रेस ने भोपालगैस काण्ड के अपराधी को भागने दिया  था।दाऊद इब्राहीम के समधी जावेद मियाँदाद  का इसी कांग्रेस  ने भारत में लालज़ाज़म बिछाकर स्वागत किया था।

 अब कौन सी नैतिकता की बात कर रही है ये कांग्रेस। ललित मोदी क़ानून के अपराधी  हो  सकते हैं। कांग्रेस  उनका पासपोर्ट और वीज़ा तब ज़ब्त कर सकती थी। अब क्यों रिरिया रही है अनैतिकता वादी कांग्रेस।  

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