बुधवार, 28 अक्तूबर 2015

वेश बदलने की शक्ति होती है डेविल में (व्यसनों )में।

ये मन बांसुरी है ,बंदर को दी तो असुर निकलेंगे अच्छे व्यक्ति को दी तो सुर निकालेगा। मन से ही मनुष्य का निर्माण हुआ है। होता है। राम का जप करने से आप राम हो जाते हैं। दुःख का जप करने से आप दुःख नहीं हो जाएंगे।?दुःख ही हो जाएंगे आप।

दूसरे के दोषों का चिंतन करने से उसके दोष तुम्हारे अंदर आ जाएंगे। गुण  देखोगे तो गुण ही हो जाओगे। आप वही हो जो आप देखते हो।

मेरे जैसे हो जाओगे जब इश्क तुम्हें हो जाएगा। 

हमारे यहां ३३ करोड़ देवता इसलिए हैं हम सभी में देवता ही देखते हैं। जब सब में देवता देखोगे द्वेष नहीं देखोगे सामने वाले के तब सिद्धि प्राप्त हो जाएगी तुम्हें। अपने स्वरूप से परिचित हो जाओगे।

मन से ही मनोमय कोष का निर्माण होता है। मन से ऊपर एक चीज़ है ज्ञान ,विचार। उच्च विचार ही मन को शुद्ध करेगा। बढ़िया ज्ञान कोष का निर्माण होगा। यही मनोमय कोष को शुद्ध करेगा। मेरे मन में जो अनंत है मैं उससे जुड़ सकूँगा लेकिन तब जब मैं शुद्ध हो जाऊंगा। ज्ञानमय कोष में से निगेटिव विचारों को धीरे धीरे निकालना होगा।

सिद्धि नहीं शुद्धि चाहिए जीवन में।

Learn to say no with confidence

जब तक तुम खुद नहीं चाहोगे तुम्हारा कोई अहित नहीं कर सकता। तुम्हारा प्रारब्ध भी नहीं। वह भी बस पास से गुज़र जाएगा। पीयर प्रेशर होगा किसी न किसी प्रलोभन का तुम न कहना सीखो। सिगरेट ,शराब और इनसे भी बड़े व्यसनों से बच जाओगे। 
Devil can come in any form 

वेश बदलने की शक्ति होती है डेविल में (व्यसनों )में। 

ईश्वर का एक ही स्वरूप है वह वेश नहीं बदलता। एक मन्त्र रख लेना पास में। 

राम ,हरे कृष्णा ,ओम नमो भगवते वासुदेवाय ,ओम नमो शिवाय या कोई और भी मन्त्र हो सकता है वह। 

गुरु संस्कारों की शुद्धि देगा। एक गुरु पकड़ लेना। सिद्ध अनेक होंगे ,हो सकते हैं सब एक जैसे पर गुरु एक ही पकड़िए। कोई एक। 



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    1. Mere Jaise Ban Jaoge Jab Ishq Tumhe Ho Jayega - Jagjit Singh & Chitra Singh

      • 3 years ago
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      Jagjit Singh - Chitra Singh.
      • HD

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