शनिवार, 27 मई 2017

हमें आज भी हमदर्दी है १३२ साला कांग्रेस से जो बहुत दम्भ से कहती है कांग्रेस में विचारकों की कोई कमी नहीं है लेकिन जब पाकिस्तानी प्रेम से संसिक्त मणिशंकर अइयर जैसे लोग एक तरफ पत्रकारों से बदसूलकी और दूसरी तरफ हुर्रियत की तरफ इस निगाह से देखते मिलते हैं :हुर्रियत थूक दे तो चाटने का मौक़ा मिले -तब कांग्रेस का कथित थिंक टेंक कहने लगता है यह उनका निजी वक्तव्य है कांग्रेस का उससे कोई लेना देना नहीं है।

हमें आज भी हमदर्दी है १३२ साला कांग्रेस से जो बहुत दम्भ से कहती है कांग्रेस में विचारकों की कोई कमी नहीं है लेकिन जब पाकिस्तानी प्रेम से संसिक्त मणिशंकर अइयर जैसे लोग एक तरफ पत्रकारों से बदसूलकी और दूसरी तरफ हुर्रियत की तरफ इस निगाह से देखते मिलते हैं :हुर्रियत थूक दे तो चाटने का मौक़ा मिले -तब कांग्रेस का कथित थिंक टेंक कहने लगता है यह उनका निजी वक्तव्य है कांग्रेस का उससे कोई लेना देना नहीं है। 

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